BIPOLAR DISORDER एक मानसिक रोग है जिसमें मरीज में मानसिक स्वास्थ्य की बदलती हुई अवस्थाओं की व्यापक श्रृंखला होती है। यह एक मनोवैज्ञानिक रोग है जो मरीज को उत्तेजित और उदास अवस्थाओं में फंसा सकता है। इस रोग का अन्य नाम मैनिक डिप्रेशन विकार है।
बाइपोलर विकार के लक्षण मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं के साथ होते हैं, जैसे कि मनोदर्शन की बदलती हुई स्थिति, उत्तेजना, विचार और भावनाओं में बदलाव और उदास अवस्थाएं। यह विकार दवाइयों और मनोवैज्ञानिक उपचार के जरिए इलाज किया जा सकता है।
BIPOLAR DISORDER क्यों होता है।
BIPOLAR DISORDER के विस्तृत कारण अभी तक पूरी तरह से समझ में नहीं आये हैं, लेकिन यह जेनेटिक, पर्यावरणीय और न्यूरोलॉजिकल कारकों के संयोजन का परिणाम माना जाता है।
शोध से पता चला है कि बाइपोलर विकार के मरीजों में जेनेटिक कारकों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है।
SYMPTOMS क्या है।
बाइपोलर विकार के लक्षण निम्नलिखित होते हैं:
- मनोदशा में बदलाव: यह विकार आमतौर पर उच्च मनोदशा (मैनिक अवस्था) और निम्न मनोदशा (डिप्रेशन) में बदलाव दिखाता है।
- उत्साह या ऊब: मैनिक अवस्था में व्यक्ति उत्साहित होता है, जबकि डिप्रेशन में वे उब होते हैं।
- विचार-चिंतन में बदलाव: मैनिक अवस्था में विचार-चिंतन व्यक्ति के मन में बेहद तेजी से होते हैं जबकि डिप्रेशन में वे उदास और निराश हो जाते हैं।
- नींद में बदलाव: बाइपोलर विकार से पीड़ित व्यक्ति को नींद की समस्याएं होती हैं। मैनिक अवस्था में वे कम नींद लेते हैं जबकि डिप्रेशन में उन्हें अधिक नींद आती है।
- भोजन की समस्याएं: व्यक्ति को अवसाद में भोजन करने की इच्छा नहीं होती है जबकि मैनिक अवस्था में उन्हें अत्यधिक भूख लगती है।
- अनुकूल व्यवहार: मैनिक अवस्था में व्यक्ति असामाजिक व्यवहार दिखाते हैं, जबकि
BIPOLAR DISORDER कैसे टिक करे।
बाइपोलर विकार से ठीक होने के लिए मुख्य उपायों में शामिल हैं दवाइयों और मनोवैज्ञानिक उपचार का उपयोग करना।
इस विकार के इलाज में दवाइयों का उपयोग एक बहुत महत्वपूर्ण तत्व होता है। विशेषज्ञ चिकित्सक आमतौर पर अन्य दवाओं के साथ लिथियम जैसी दवाओं का भी सुझाव देते हैं। इसके अलावा, मनोवैज्ञानिक उपचार जैसे कि व्यक्तिगत चिकित्सा, मानसिक तनाव कम करने के तकनीक और संगठित चिकित्सा कार्यक्रम भी इस विकार के इलाज में बहुत मददगार साबित होते हैं।
बाइपोलर विकार से पीड़ित मरीज के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण उपाय उनकी आदतों और लाइफस्टाइल में परिवर्तन करना होता है। नियमित व्यायाम करना, अच्छी नींद लेना, संतुलित खान-पान करना, तंबाकू और शराब से दूर रहना आदि उपाय इस विकार से ठीक होने में मददगार साबित होते हैं।
एक समर्थक और समझदार परिवेश एक ऐसे व्यक्ति पर असर डाल सकता है जो बाइपोलर विकार से पीड़ित हो रहा हो। बाइपोलर विकार से ठीक होने के लिए एक निष्कपट और संवेदनशील माहौल प्रदान करना व्यक्ति के उचित इलाज में बहुत मददगार होता है। परिवार, दोस्त और प्रियजनों को बाइपोलर विकार से पीड़ित व्यक्ति के साथ उनकी भावनाओं और विचारों के बारे में बात करने के लिए एक अपरिहार्य और संवेदनशील स्थान प्रदान करना आवश्यक होता है।
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बायपोलर विकार संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 2.8% वयस्कों को प्रभावित करता है। यह महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक पाया जाता है।
बायपोलर विकार के लक्षण व्यक्ति से व्यक्ति भिन्न हो सकते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य लक्षण शामिल हो सकते हैं:
मानिया: मानिक अवस्था के दौरान, बायपोलर विकार वाले लोग अधिक ऊर्जा और गतिविधि, चंचल मन, सोने की जरूरत में कमी, अधिक बोलने, अधिक खर्च या जोखिम भरी आचरण, महानता भाव या अतिसूचित आत्ममुखी महसूसी अनुभव कर सकते हैं।
डिप्रेशन: डिप्रेशनी अवस्था के दौरान, बायपोलर विकार वाले लोग दुख, निराशा, पहले आनंदित गतिविधियों में रुचि की हानि, भोजन और वजन में परिवर्तन, नींद में परेशानी या अधिक नींद, थकान, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, और मौत या आत्महत्या के विचारों का अनुभव कर सकते हैं।
बायपोलर विकार का निदान मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ द्वारा किया जाता है। बायपोलर विकार के लिए कोई एकमात्र परीक्षण नहीं है, इसलिए निदान व्यक्ति के लक्षण, चिकित्सा इतिहास और पारिवारिक इतिहास पर आधारित होता है।
बायपोलर विकार वाले लोगों को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की अधिक आशंका होती है, जिनमें हृदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह, मोटापा, पदार्थ व्यभिचार और आत्महत्या शामिल हैं।
यदि आपको लगता है कि आपके बायपोलर विकार हो सकता है, तो मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह लेना महत्वपूर्ण है। समय पर निदान और उपचार से आपके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है और परेशानियों के जोखिम को कम किया जा सकता है।