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Pranayam Kaise Kare इंसान अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में इतना व्यस्त हो गया है कि वह अपने शरीर को ठीक से ध्यान नहीं दे पाता।जब तक आप स्वस्थ नहीं है तब तक कोई भी सुख- सुविधा आपके काम की नहीं है।इसलिए जरूरी है कि सबसे पहले आप अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें।खान – पीन से स्वास्थ्य तो बनता है,लेकिन व्यायाम करना भी शरीर के लिए बहुत जरूरी है।वैसे तो अलग-अलग प्रकार के व्यायाम होते हैं और उनका अपना महत्व और फायदे हैं।
लेकिन इस आर्टिकल में हम बात करेंगे प्राणायाम के बारे में। सभी आसन की तरह ही प्राणायाम करने के लिए भी विशेष तरीके हैं। प्राणायाम कैसे करें इसके विशेष तरीके जानने से पहले हम पहले प्राणायाम के बारे में कुछ जान लेते हैं।इससे पहले दोस्तों एक गुजारिश है की आर्टिकल को पूरा पढ़े जिससे आपसे कोई महत्वपूर्ण जानकारी ना छूट जाये।
प्राणायाम प्राण और आयाम,इन दो शब्दों से मिलकर बना है।प्राण का मतलब जीवन या शरीर में मौजूद महत्वपूर्ण ऊर्जा है। सूक्ष्म स्तरों पर प्राण प्राण या जीवन शक्ति के लिए जिम्मेदार प्राणिक ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है. और आयाम का मतलब विकास या फैलाव होता है।
अर्थात प्राणायाम प्राण शक्ति को बढ़ाने का योगासान है।प्राणायाम योग का ही एक भाग है, इसे करके आप अपने श्वांस की गति पर नियंत्रण कर के मानसिक और शारीरिक लाभ प्राप्त करते हैं। प्राणायाम में विशेष तरीके से श्वांस को अंदर ली जाती है और बाहर निकाली जाती है।प्राणायाम योग में सांस नियंत्रण का अभ्यास है।
स्वांस के अंदर लेने को पूरक और बाहर निकालने को रेचक कहा जाता है।प्राणायाम करके आप अपनी श्वांस पर नियंत्रण पाते हैं।योग सूत्रों के अपने पाठ में पतंजलि ने प्राणायाम का उल्लेख किया, जागरूकता के उच्चतर स्तर को प्राप्त करने के लिए, उन्होंने समाधि तक पहुँचने के महत्वपूर्ण अभ्यास के रूप में सांस को रोककर रखने का उल्लेख किया है। हठ योग 8 तरह के प्राणायामों के बारे में भी बताता है जो शरीर और मन को स्वस्थ बनाएंगे।
शरीर में विभिन्न प्राणिक गतिविधियों के लिए पांच प्रकार के प्राण जिम्मेदार हैं, वे प्राण, अपान, व्यान, उदान और समाना हैं। इनमें से प्राण और अपान सबसे महत्वपूर्ण हैं।
हर आसन के अपने-अपने फायदे होते हैं वैसे ही प्राणायाम के भी अपने अलग फायदे हैं।Pranayam Kaise Kare प्राणायाम करने के निम्नलिखित फायदे हैं।
👉प्राणायाम करने से हृदय मजबूत बनता है और दिल के दौरे जैसी बीमारी नहीं होती।
👉शरीर में कैल्शियम बढ़ता है जिससे हमारी हड्डियां मजबूत होती है।
👉प्राणायाम करने से हमारा पाचन तंत्र मजबूत बनता है। कब्ज ,एसिडिटी और गैस्ट्रिक जैसी पेट की समस्या से निजात मिलता है।
👉प्राणायाम करने से चेहरे में रोनक आती है। चेहरे का निखार बढ़ता है और चेहरे पर से झुरिया और आंखों के नीचे के डार्क सर्कल दूर हो जाते हैं।
👉प्राणायाम करने से शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ता है।
👉प्राणायाम मन को शांति देता है मन के सभी विकारों को दूर करता है।
👉प्राणायाम करने से कोलेस्ट्रॉल भी कम हो जाता है।
👉प्राणायाम करने से फेफड़ों की exercise हो जाती है।
👉प्राणायाम करने से शरीर, मन और आत्मा में तालमेल बनता है।
👉हर दिन प्राणायाम करने से व्यक्ति की उम्र भी बढ़ती है।
👉प्राणायाम करने से थकान या सुस्ती दूर हो जाती है।
👉प्राणायाम करने से शरीर में हल्का पन का भाव आता है और शांति अनुभव होती है।
सभी आसन को विशेष तरीके से किया जाता है वैसे प्राणायाम करने का भी विशेष तरीका है। और यदि आप Pranayam Kaise Kare इस आसन को करना चाहते हैं तो जरूरी है कि उस तरीके को जाने।क्योंकि जब हमें किसी भी आसन करने के तरीके के बारे में मालूम नहीं होता है तो हम उसे गलत तरीके से करते हैं जिससे आसन के लाभ के बजाय हमें नुकसान होने लगता है। कुछ लोग किसी भी वक्त सांस को ऊपर नीचे करके प्राणायाम करना शुरू कर देते हैं उन्हें लगता है कि यही सही तरीका लेकिन यह सही तरीका नहीं है।
सभी आसन की तरह प्राणायाम करने के लिए विशेष नियम होते हैं। जिसका पालन करके आप प्राणायम सही से कर सकते हैं और इसका लाभ ले सकते हैं। और जब भी आप प्राणायाम करने के लिए बैठे तो उस विशेष नियमों को जरूर ध्यान में रखें। तो चलिए देखते हैं कि प्रणायम को करने की क्या विशेष नियम है?
👉प्राणायाम हमेशा सुबह खुले में करना चाहिए। क्योंकि सुबह हवा शुद्ध होती है।
👉जब भी आप प्राणायाम करने बैठे तो ढीले वस्त्र पहने जिससे आपको यह आसन करने में कठिनाई ना हो।
👉प्राणायाम खाली पेट ही करना चाहिए।
👉प्राणायाम आपको हमेशा उसी अवस्था में बैठकर करना चाहिए जिस अवस्था में बैठकर आपको दिक्कत ना हो।
👉प्राणायाम करते वक्त हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए।
👉जब भी आप प्रणायाम करें तो शरीर में तनाव नहीं होना चाहिए।
👉प्राणायाम करते समय कमर ,गर्दन और सिर सीधे होना चाहिए।
👉जब प्राणायाम करे तब श्वांस को आराम से अंदर ले और बाहर छोड़ें।
👉प्राणायाम करते वक्त मन में अच्छे विचार लाएं जैसे श्वांस लेते समय सोचे कि आपके शरीर के अंदर ऊर्जा और शक्ति आ रही है और श्वांस छोड़ते वक्त सोचे कि आपके अंदर से बुराई बाहर निकल रही है। इससे आपको बहुत फायदा होगा।
👉जब आप प्राणायाम करते हैं तो श्वांस नाक से लेना है ,ना कि मुंह से। इसलिए अपना मुंह बंद रखें।
👉नाक से हवा अंदर लेते वक्त आवाज ना निकालें।
👉जब आप प्राणायाम करते हैं तो आपका ध्यान श्वांस पर होना चाहिए।
👉प्राणायाम करके तुरंत स्नान ना करें।
👉यदि निकट समय में दिल के दौरे पड़े हो तो उस व्यक्ति को प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
👉प्राणायाम गर्भावस्था नारी को नहीं करना चाहिए।
👉प्राणायाम महामारी के समय भी नहीं करना चाहिए।
👉 जिसका blood pressure लो रहता है उसे विशेषज्ञ के मार्गदर्शन से ही प्राणायाम करना चाहिए।
👉जिन व्यक्तियों की कीमोथेरेपी जैसी चिकित्सा चलती हो ,उन्हें प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
👉दिमागी बीमार व्यक्ति को भी प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
👉न्यूमोनिया या फेफड़ों की कोई समस्या हो तो उन्हें प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
👉यदि पेट में गैस या हर्निया जैसी समस्या हो या अपेंडिक्स का दर्द हो या हाल ही में ऑपरेशन करवाया हो तो ऐसे लोग प्राणायाम ना करें।
👉प्राणायाम करने के बाद तुरंत ही कोई hard exercises नहीं करनी चाहिए कम से कम 7 मिनट के बाद ही कोई hard exercise करें।
👉अपनी शक्ति से ज्यादा प्राणायाम ना करें जहां तक लिमिट हो वहीं तक ही करें।
इस प्रकार आप प्राणायाम के नियमों को ध्यान में रखकर सही तरीके से करके उसके लाभ उठा सकते हैं।रोजाना प्राणायाम करने से बहुत सारी आपकी समस्या दूर हो जाएगी और रोगों से दूर रहेंगे। प्राणायाम करके आप अपने स्वास्थ्य को बढ़ा सकते हैं।उचित खाने के साथ जरूरी है कि व्यायाम भी उचित तरीके से हो तभी शरीर का विकास सही ढंग से होगा। जब प्राणायाम करने बैठे तब सभी नियमों को ध्यान में रखें और सभी सावधानियों को भी ध्यान में रखें। हमें उम्मीद है कि आप को पता चल गया होगा कि प्राणायाम को कैसे करें।
दोस्तों आज की इस पोस्ट में बस इतनाही,आज हमने पढ़ा की प्राणायामं कैसे करे ( Pranayam Kaise Kare ) और प्राणायाम करने के क्या फायदे है.मेरी आपको ये सलाह रहेगी की अपने दिन का थोड़ा समय आपको प्राणायाम और योग करने में देना चाहिए.इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम खुदका ही ध्यान रखना भूल जाते है और सिर्फ पैसे के पीछे भागते है. हम पैसा तो कमा लेते है लेकिन बुढ़ापे में काफी सारी बीमारियों से झूझना पड़ता है.यही वजह है की दिन में आपको प्राणायम करने के लिए सिर्फ आधा घंटा देना होगा. तो दोस्तों हमने आपको प्राणयाम से सम्भंदित सारी जानकारी देने का प्रयास किया है फिर भी यदि आपके मन में कोई सवाल या सुझाव हो तो आप हमें कमेंट में जरूर बताये.और यदि आपको ये आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया पर जैसे फेसबुक ,वाट्सएप्प ,इंस्टाग्राम और अपने दोस्तों के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करे जिससे उन्हें भी ये महत्वपूर्ण जानकारी पढ़ने को मिले.
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