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दोस्तों अगर आप भी अपने टेलीकॉम नेटवर्क से किसी कारण परेशान है तो जानिए Sim Port Kaise Kare, और इसके लिए आपको क्या क्या करना होता सभी इसी पोस्ट के जरिए आप जान जाएंगे।
दोस्तों बदलते समय की सबसे बड़ी देन मोबाइल फ़ोन हैं जो हमें एक दूसरे के साथ संपर्क साधने में मदद करती है, लेकिन बिना सिम के फोन मात्र एक सिंपल उपकरण में तब्दील हो जाता है। आज के समय में टेलीकॉम नेटवर्क कंपनियों की भारत में कमी नहीं है और लगभग हर कंपनी के रेट एक जैसे ही हैं। लेकिन कई कंपनियों में नियमित नेटवर्क इश्यू के कारण ग्राहक अपने सिम नेटवर्क को बदलना चाहते हैं लेकिन फोन नंबर वही रखना चाहते हैं। इस पोस्ट में इन्ही ग्राहकों के लिए Sim Port kaise kare इसका जवाब डिटेल में दिया गया है।
Sim Card kya hai?
दोस्तों सिम कार्ड एक ऐसा स्मार्ट कार्ड है जो कई मुख्य डाटा स्टोर करता है। यह मुख्य डाटा में यूजर आइडेंटिटी, फोन नंबर, पर्सनल सिक्योरिटी , नेटवर्क ऑथराइजेशन डाटा शामिल होते हैं। हर सिम कार्ड के साथ फोन नंबर अटैच होता है। जब भी सिम कार्ड किसी फोन में डालते हैं तो वह नंबर उस फोन के साथ जुड़ जाता है। सिम का फूल फॉर्म सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल है।
Sim Port फंक्शन क्या है।
दोस्तों sim port ग्राहकों के लिए TRAI द्वारा लॉन्च की गई ऐसी सुविधा हैं जिसमें ग्राहक बिना अपना नंबर बदलें मोबाइल नेटवर्क बदल सकते हैं। इस सुविधा का इस्तेमाल मुख्य रूप से वे लोग करते हैं जो अपने वर्तमान मोबाइल नेटवर्क से किसी कारण परेशान हैं।
वे वजह जिसके कारण Sim Port कराने की नौबत आती है।
दोस्तों sim port कराने के कई कारण होते हैं। यह तो सभी मानते ही हैं की बिना वजह कोई कदम नहीं लिया जाता इसीलिए Sim Port ग्राहक तभी करता है जब वर्तमान सर्विस प्रोवाइडर ग्राहक के उम्मीदों पर खड़ा नहीं उतर पाए। उनमें से मुख्य कारण निम्नलिखित हैं।
1. इंटरनेट कनेक्शन में कमजोरी
दोस्तों आज के युग में इंटरनेट कितना जरूरी हो चुका है यह सभी जान चुके हैं क्योंकि हर काम आज इंटरनेट पर मौजूद हैं लेकिन अगर आपका मोबाइल नेटवर्क सही से इंटरनेट नहीं दे पा रहा तो उस नेटवर्क को बदलने में ही समझदारी है।
2. ऑफर
दोस्तों हर मोबाइल नेटवर्क कंपनी ग्राहकों को लुभाने के लिए स्कीम लाती रहती है, और इनमें से कुछ ऑफर लोगों को नंबर पोर्ट करवाने के लिए अट्रैक्ट करते हैं। जैसे की अगर एक घर में 4 या इससे ज्यादा एक ही कंपनी के सिम कार्ड हो तो कम लागत में बेहतरीन सुविधाएं मिल जाती है।
3. लोकेशन
दोस्तों मोबाइल नेटवर्क की स्पीड यूजर के लोकेशन पर काफी निर्भर करती है। सिम पोर्ट करवाने के मुख्य कारणों में लोकेशन भी एक कारण है। मोबाइल नेटवर्क कहीं जगह बेहतर रेंज दे पाते हैं तो कई जगह उनका नेटवर्क उतना सक्षम नहीं होता। इसीलिए यूजर नेटवर्क बदलना का फैसला लेते हैं।
4. टेलीकॉम कंपनी का बंद हो जाना
दोस्तों ग्राहकों को टेलीकॉम नेटवर्क इसीलिए भी बदलना पड़ जाता है जब टेलीकॉम नेटवर्क प्रोवाइडर कंपनी किसी कारण बंद हो जाती है। जैसे अनिल अंबानी की रिलायंस कम्यूनिकेशंस जो लॉस होने के कारण बंद हो गई थी।
5. चार्जेस ज्यादा होना
दोस्तों यूं तो इंटरनेट के प्राइस आज के समय हर नेटवर्क के एक जैसे हैं लेकिन कई नेटवर्क कॉलिंग में ज्यादा चार्जेस लेते हैं और कई नेटवर्क के काफी हिडेन चार्ज होते हैं, इसीलिए भी लोग अपना Sim Port करवाने का डिसीजन लेते हैं।
Sim Port करवाने से पहले इस बात का जरूर ध्यान रखें।
दोस्तों सिम पोर्ट करवाने से पहले कई बातों का ध्यान रखना होता है क्योंकि इसमें अगर आपने जल्दबाजी करते हुए गलत नेटवर्क चुन लिया तो 3 महीने तक आपको वही नेटवर्क इस्तेमाल करना होगा। यह पोर्ट करवाने का एक नियम है।
सिम पोर्ट करवाने का फैसला अगर आप ले चुके हैं तो इस Sim Port kaise kare यह जानने से पहले यह जरूर जान लें कि क्या क्या बातें ध्यान में रखें की आपको इस प्रोसेस को करने पर कोई परेशानी न हो।
1. नेटवर्क चुनने से पहले जांचे
दोस्तों जिस भी नए नेटवर्क पर आप स्विच होने का सोच रहें हैं पहले उसके बारे में अच्छे से जांच लें। कहने का मतलब यह है की ग्राहकों को यह जांचना जरूरी है की जिस कारण वे अपना सिम नेटवर्क बदल रहें है क्या उसका सॉल्यूशन दूसरा नेटवर्क सही से दे पा रहा है या नहीं।
2. पोस्टपेड सिम है तो प्रीपेड में बदलें
दोस्तों अमूमन सिम पोर्ट करवाने के दौरान यह पाया गया है की पोस्टपेड सिम ग्राहकों को नंबर पोर्ट करने में काफी दिक्कत झेलनी पड़ती है इसीलिए नंबर पोर्ट करवाने से पहले पोस्टपेड को प्रीपेड कार्ड में बदलवालें।
3. बैलेंस पूरा यूज करलें
दोस्तों जब भी आप नंबर पोर्ट करवाते हैं तो दूसरे नेटवर्क प्रोवाइडर के अनुसार ही रिचार्ज करवाना होता है, इसीलिए आपके करंट नेटवर्क प्रोवाइडर का पूरा बैलेंस का इस्तेमाल जरूर करलें क्योंकि दूसरे प्रोवाइडर में आपको बचा हुआ बैलेंस नहीं मिलेगा।
4. मार्केटिंग टैक्टिक्स का होता है इस्तेमाल।
दोस्तों हर कंपनी अपने ग्राहकों को आखिर तक अपने तरफ रखने की कोशिश करती है। नंबर पोर्टिंग की प्रोसेस के बाद हो सकता है कंपनी के तरफ से आपको ऑफर्स देने के लिए फोन आए जिसमें फ्री इंटरनेट या फ्री कॉलिंग या टॉकटाइम दिए जाते हैं। इसे आप ले भी सकते हैं और मना भी कर सकते हैं।
Sim Port kaise kare जानते हैं स्टेप बाय स्टेप गाइड में।
दोस्तों पोस्ट में दी गई बातों का ध्यान रखते हुए अब हम जानेंगे की Sim Port kaise kare यह बेहद ही सरल है, इसे करने के बाद 3-4 दिनों में आपका नंबर पोर्ट हो जाएगा। अब जानते हैं यह स्टेप्स
- अपने मोबाइल फोन में मौजूद text message में जाएं जहां आपको क्रिएट न्यू मैसेज वाले ऑप्शन पर आपको क्लिक करना होगा।
- नंबर में 1900 लिखें और मैसेज बॉक्स में अंग्रेजी के बड़े अक्षरों में PORT लिखें जिसके बाद स्पेस लगाएं और अपना वह नंबर लिखें जिसे आप पोर्ट करवाना चाहते हैं। ध्यान रहें आपको यह मैसेज उसी नंबर से भेजना है जो नंबर पोर्ट करवाना चाहते हैं।
- सेंड का बटन दबा दें, इसके बाद आपके फोन में एक मैसेज आएगा जिसमें आपको UPC code मिलेगा। यह मैसेज 1901 नंबर से आएगा। UPC code ही सिम पोर्ट करने के काम में आता है। इसकी वैधता 15 दिनों तक की होती है।
- अब आप अपने डॉक्यूमेंट तैयार करलें जिसमें वही डॉक्यूमेंट तैयार करें जो आपने अपना करेंट नेटवर्क प्रोवाइडर के पास सबमिट करवाया था। इससे प्रोसेस जल्दी होने में मदद मिलती है, अपने डॉक्यूमेंट को अपने चुने गए सिम कार्ड नेटवर्क प्रोवाइडर के ऑफिस में लेकर पहुंचे।
- ऑफिस से आपको एक नया सिम मिलेगा जिसमें आपके नंबर को कनेक्ट कर दिया जाएगा। 3-4 दिनों में नए सिम से आपका नंबर पूरी तरह से कनेक्ट हो जाएगा, इसकी जानकारी आपको आपके पुराने सिम से नेटवर्क चला जाएगा तब आप जान जाएंगे।
निष्कर्ष
दोस्तों इस पोस्ट के जरिए उम्मीद हैं आपने Sim Port kaise kare यह बेहतर तरीके से जाना होगा, लेकिन अगर फिर भी किसी कारण वश आप किसी प्रोसेस करने में रुकावट पैदा हो रही है तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। ऐसे ही बेहतरीन लेख के लिए हमारी वेबसाइट के अन्य पोस्ट को भी पढ़े।
धन्यवाद
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